उत्तराखंड का प्रागैतिहासिक काल और इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु। उत्तराखंड की समस्त परीक्षाओं के लिए | कुणिंद वंश का शासन काल अगर हम उत्तराखंड के सबसे पुराने इतिहास की बात करें तो हमें कोई ख़ास जानकारी तो नहीं मिलती परन्तु कहीं उल्लेख मिलता है। किसी किताब में या फिर अभिलेखों में। क्योंकि उत्तराखंड का लिखित इतिहास उतना नहीं मिलता जितना अन्य राज्यों का या फिर देश का मिलता है। सबसे पहले अगर हम बात करें तो कुणिंद शासन काल का पता चलता है। जो की महाभारत के वन पर्व में भी पुलिंद या कुणिंद वंश का उल्लेख किया गया है। और यहाँ के राजा को उस समय सुबाहु नाम से बताया गया है। लेकिन यह भी कहा जाता है की सर्वप्रथम यहाँ पर कोल जनजाति का निवास था। जो यहाँ के मूल निवासी थे तथा मध्य एशिया से नहीं आये थे। उसके बाद यहाँ पर किरात आये और कोल लोगों को युद्ध में हराकर मैदानी भागों से पहाड़ी भागों में भगाया। लेकिन साथ में उन्होंने कोलों के साथ वैवाहिक सम्बन्ध भी स्थापित किये। फिर शुरुआत होती है कुणिंद वंश जिनको पुलिंद भी कहा जाता है। और जब कुणिंद वंश के बारे में प्रमाण की बात आती है तब तक भारत पर मौर्य काल शा
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